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एमएसएमई की नीति में संशोधन को मंजूरी से राज्य के उद्यमियों को राहत

एमएसएमई की नीति में संशोधन को मंजूरी से राज्य के उद्यमियों को राहत

देहरादून। राज्य मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) नीति में संशोधन कर उत्तराखण्ड के हजारों उद्यमियों को राहत दी है। मंत्रिमंडल से एमएसएमई में संशोधन को मंजूरी मिलने के साथ ही अब राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को पाॅच साल तक इस नीति का लाभ मिलेगा। 2015 में बनी एमएसएमई नीति को तीन साल तक के लिए और बढ़ा दिया गया है। अब 2023 तक उद्यमियों को इस नीति का लाभ मिलेगा। यह नीति 31 जनवरी 2015 से लागू होकर 31 मार्च 2023 तक अब लागू रहेगी। पहले इसकी अवधि केवल 31 मार्च 2020 तक ही थी। एमएसएमई नीति में अब मैन्युफैक्चरिंग को भी ब्याज उपादान देने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है।। इससे हरिद्वार, नैनीताल व देहरादून सहित मैदानी क्षेत्रों में लगने वाली मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को ब्याज पर सब्सिडी की सुविधा मिलेगी। साथ ही नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्टिंग पर अब राज्य सरकार उद्यमियों को 2.50 लाख तक छूट देगी। राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रदेश में नए लगने वाले बाॅटलिंग प्लांट को एमएसएमई नीति का लाभ नहीं मिलेगा। पूर्व में ऐसे प्लांट को भी यह लाभ दिया गया था। इसके अलावा सरकार ने गेहॅू का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 20 रूपये बढ़ाकर किसानों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने गेहॅू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रूपये निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में न्यूनतम समर्थन मूल्य 20 रूपये बढ़ाकर 1860 रूपये निर्धारित किया है। इससे राज्य के हजारों किसानों को बढ़ी कीमतों का लाभ मिलेगा। मंत्रिमंडल ने स्कूल एडाप्शन नीति को भी मंजूरी दी है। इसके तहत प्रदेश के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में स्वयंसेवी संस्थाएं व काॅरपोरेट हाउस ढाॅचागत सुविधाएं व सही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकेंगे। ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती राज्य सरकार की ओर से ही की जाएगी। इस नीति के तहत राज्य के संसाधनों में कमी वाले विद्यालयों में फोकस रहेगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रत्येक जनपद में एक समिति का गठन किया जाएगा, जो स्कूलों का चयन करेगी। इसके बाद उन्हें गोद लेने की इच्छुक संस्थाओं और काॅरपोरेट हाउस को उनकी व्यवस्था दी जाएगी। इसके तहत वह स्कूलों में भवन निर्माण, मरम्मत करने के साथ ही फर्नीचर, पाठ्य सामग्री, खेल-कूद का सामान और बच्चों के लिए अन्य सामग्री प्रदान कर सकते हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग में प्रदेश की तहसीलों में बड़ी संख्या में खाली पड़े नायब तहसीलदारों के पद पर जिलाधिकारी अस्थायी पदोन्नति से तैनाती कर सकेंगे। नियमित नियुक्ति होने तक यह व्यवस्था केवल एक बार लागू होगी। सरकार ने जिलाधिकारियों को इसका अधिकार देने का निर्णय कर लिया है। बैठक में उत्तराखण्ड अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक (नायब तहसीलदार) संशोधन नियमावली, 2019 के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके अलावा कैबिनेट ने बैठक में निर्णय लिया कि जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व को पर्यटन से होने वाली आय को ‘टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन फार सीटीआर’ को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रिमंडल ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नारकोटिक्स ड्रग्स नियमावली-1986) अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश-2002 में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके तहत लाइसेंस फीस 200 रूपये से बढ़ाकर 30 हजार रूपये कर दी है। वहीं हरिद्वार में होटल अलकनंदा और उसके परिसर का भू उपयोग बदल दिया है। अब यह सम्पूर्ण क्षेत्र व्यवसायिक हो गया है। इससे पहले यह 1.19 लाख हजार वर्गमीटर जमीन कुंभ मेला क्षेत्र में शामिल था और इस पूरे क्षेत्र का स्वामित्व वर्तमान में उत्तर प्रदेश के पास है। उत्तराखण्ड खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन विभाग में मौजूदा 27 पदों के अतिरिक्त 25 पदों को बढ़ाया गया है। उत्तराखण्ड प्रांतीय सशस्त्र पुलिस सेवा नियमावली को मंजूरी भी दी गई है। इसमें मुख्य आरक्षी के 50 प्रतिशत पद विभागीय परीक्षा व 50 प्रतिशत पदों पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने का प्रावधान किया है।

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Ghanshyam Chandra Joshi

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